VVIP भी नहीं छू पाएंगे इस शिवलिंग को, ऐसी होगी नई व्यवस्था

उज्जैन :-  बाबा महाकालेश्वर के शिवलिंग के क्षरण जैसी स्थिति रोकने के लिए अभिषेक के दौरान दानेदार शकर के स्थान पर शकर पावडर का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही पंचामृत सामग्री प्रयोग सीमित मात्रा मे होगा। शिवलिंग पर पंचामृत को हाथ से मला नहीं जाएगा। अभिषेक में सवा लीटर दूध का ही इस्तेमाल होगा।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि महाकाल मंदिर के शिवलिंग के क्षरण जैसी कोई स्थिति नहीं है, लेकिन शिवलिंग का क्षरण नहीं हो इस बात का ध्यान रखकर पंचामृत अभिषेक को लेकर पूर्व में कुछ निर्णय लिए गए थे। इनका नियमित पालन करने का फैसला मंदिर के पुजारियों, पुरोहित और इनके प्रतिनिधियों के साथ बैठक में लिया गया। प्रशासक कक्ष में हुई बैठक में मंदिर की व्यवस्थाओं एवं उसके विकास संबध में विस्तृत चर्चा की।

परंपराओं का ध्यान रखने का आश्वासन

बैठक में निर्णय लिया गया कि शिवलिंग का क्षरण न हो इसके लिए दर्शनार्थियो की ओर से अभिषेक के दौरान चढ़ाए जाने वाले पंचामृत को शिवलिंग पर हाथ से मला नहीं जाएगा। अभिषेक में श्रद्धालु मात्र सवा लीटर दूध का ही इस्तेमाल ही करेंगे। दही,घी और शहद का उपयोग की सीमित मात्रा में किया जाए। पुजारियों ने इन निर्णय का पालन करने का आश्वासन मंदिर समिति को दिया है।

प्रशासक ने पुजारियों को आश्वस्त किया है कि मंदिर की परंपराओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आम श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि अभिषेक/पूजन /पंचामृत की सामाग्री की गुणवत्ता की हो, ताकि शिवलिंग का क्षरण नहीं हो सके।

पुजारियों से कहा- आचरण अच्छा हो

मंदिर प्रशासक रावत ने पुजारियों से कहा कि मंदिर की प्रतिष्ठा एवं उसके विकास में हम सबकी भागीदारी होना आवश्यक है। पुजारी एवं पुरोहित आचरण और मंदिर के नियम-कोड का कड़ाई से पालन करें। श्रद्धालुओं की अधिक संख्या के दौरान गर्भ गृह में लगभग आधे घंटे अभिषेक कराने पर प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान अभिषेक कराने वाले श्रद्धालुओं को इंतजार करना पड़ेगा बैठक में पुजारी प्रदीप गुरु, संजय पुजारी, दिनेश पुजारी आदि ने सुझाव दिए। बैठक में सहायक प्रशासक सतीश व्यास, प्रीति चौहान, सहायक प्रशासनिक अधिकारी दिलीप गरुड़ एवं एस.पी दीक्षित, पुजारी राजेश शर्मा, बाला गुरु थे।

 

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